साथियों जैसे जैसे हिंदी को गति मिलती है वैसे ही मन को अजीब से खुशी होती है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि जहाँ मशीनी युग में सारी की सारी चीजें मशीन से जुड़ती जा रही हैं। वहीं पर हिंदी भी इससे अछूती नहीं रही है। आज तकनीकी ने इसे अपना लिया है और हिंदी उत्तरोत्तर वृद्धि पर है। लोगों का मानना था कि पहले मैन्युअल काम होता था तो हिंदी भी चलती थी और अब कंप्यूटर के आने से हिंदी में अपेक्षित वृद्धि नही हो रहा है। लेकिन मैं इस कथन से बिल्कुल सहमत नहीं हूँ कि हिंदी की गति को विराम लग गया है मैं तो कहूंगा कि हिंदी को सही और उचित मार्ग मिल गया है। अब इसे और ज्यादा बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। क्योंकि आज सर्च इंजन गूगल हो या मोजिला या अन्य कोई जैसे ही हिंदी लिखते हैं वह सारा का सारा संबंधित डाटा उपलब्ध करवा देता है।
बस हमें इसे समझने की जरूरत है। आज यूनीकोड के आने से ये सब संभव हो पा रहा है। क्योंकि लोगों को जब से इसका पता लगा है वे आसानी से टाइप कर सकते हैं और इसके बावजूद भी यूनीकोड के द्वारा आईएमई ने तो तमाम तरह के की-बोर्ड उपलब्ध करवा दिए हैं अब कोई भी किसी भी की-बोर्ड पर टाइप करके हिंदी का प्रयोग कर सकता है। इसके साथ साथ बदलते युग में और अधिक सुविधा तो जब हुई तब आईएमई -2 का प्रयोग होने लगा। अब इसमें तो आफ लाइन इंडिक की तरह काम करना शुरु कर दिया है। अब तो की-बोर्ड की समस्या से भी निजात मिल गई है। बस हमें जागरूक होने की जरूरत है हिंदी के क्षेत्र में तमाम साफ्टवेयर आ चुके हैं। इनके प्रयोग से हम सबको अवगत होना चाहिए। एक दूसरे को इसके बारे में बताते रहें और आगे बढ़ते रहें तभी हिंदी अपने चरम उत्कर्ष पर पहुँचेगी।
धन्यवाद,
हिंदी इंटरनेट पर आ गई है
ReplyDeleteपहले से अधिक भा रही है
लिखते रहें... साधुवाद
प्रौद्योगिकी की सुविधाओं को प्रदान कर देने से ही बात नहीं बनती है बल्कि यह भी सुनिश्चित करना आवश्यक हो जाता है कि प्रयोक्ता द्वारा इन सुविधाओं का पूर्ण उपयोग हो। वर्तमान की यह सबसे बड़ी चुनौती है।
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