Friday, August 6, 2010

हिंदी का महत्व

आज आधुनिकता को देखते हुए जिस तरह हिंदी सर्वाधिक रूप से फैल रही है बहुत ही अच्छी बात है। इसका हम जितना हो सके प्रचार प्रसार करें ताकि लोगों की जुबां पर सिर्फ एक ही नाम आए हिंदी-हिंदी और सिर्फ हिंदी। क्योंकि यह बात सत्य है कि हिंदी ही सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। लेकिन जो लोग अंग्रेजी बोलते हैं सिर्फ वो ही लोग हिंदी से परहेज करते हैं बाकी सभी थोड़ी बहुत हिंदी जानते ही हैं। इसलिए हमें सकारात्मक रूप से हिंदी का प्रचार प्रसार करना चाहिए। आज सर्ज इंजन हिंदी में उपलब्ध हैं। तमाम ऐसे कार्य हिंदी में हो रहे हैं जिनकी हम कल्पना करते थे।

अब वो दिन दूर नहीं की पूरे विश्व में हिंदी अछूती रहे। अब वो दिन आ गया है कि अधिकाधिक लोगों को प्रोत्साहित कर सही तरीके से हिंदी से अवगत कराएं इसके सिवाय कोई और विकल्प ही नही है क्योंकि सबसे सरल और सरज हिंदी ही है। वैज्ञानिक पद्धति के रूप मे भी हिंदी विकसित हुई है। हिंदी के स्वर और व्यंजन अपने आप एक क्रम में हैं यह पद्धति भी एक क्रम बद्ध रूप से सृजित हैं। हिंदी ने कई सारी चुनौतियों को स्वीकारा है और हरेक पर खरी उतरी है। अंततोगत्वा हिंदी को विकसित करें और देश का कल्याण करें। जय हिंद जय हिंदी।

2 comments:

  1. जिससे जो बन पड़े वह हिन्दी के लिये करता रहे। अवश्य ही हिन्दी सारी बाधाओं को पार करके अपना गौरवपूर्ण स्थान ग्रहण करेगी।

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  2. जो लोग अंग्रेज़ी की वकालत करते हैं उन्हें अपनी मातृभाषा भी ठीक से नहीं आती। अंग्रज़ी भी काम जलाऊ ही आती है। भारत का कोई भी अंग्रज़ीदां विंस्टन चर्चिल नहीं है। अतः वे सभी जो हिंदी का एक वाक्य भी बोलता है हिंदी का प्रचारक है। समय लग सकता है परंतु रास्ता नहीं रुक पाएगा। आपका प्रयास तो सकारात्मक और सराहनीय है। जनमत का निर्माण ज़रूरी है। आप वही कर रहे हैं।

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